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Jun 29, 20201 min
हमने अपने अग्रजों को यही कहते सुना है की हमें, अपने विद्यार्थी जीवन का
सदुपयोग करना चाहिए क्योंकि यह हमें पुन: प्राप्त नहीं हो सकता । अत:
विद्यार्थी जीवन हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। इस दौरान
सीखी गई बातें, आगे जीवन में काम आती हैं। यदि छात्र जीवन का सदुपयोग कर
अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त करते हैं तो भविष्य में उन्हें बहुत लाभ होता
है। इस समय अनुशासन का अधिक महत्व होता है क्योंकि यदि छात्रों में
अनुशासन का अभाव होगा तो वह उपयोगी शिक्षा ग्रहण करने की जगह अनुचित
विषयों पर अपना मूल्यवान समय नष्ट करेंगे। कुछ छात्र, जिनको सही या गलत
की ठीक जानकारी नहीं होती, यदि उनमें अनुशासन का अभाव होता है तो वह
सरलता से अनुचित मार्ग पर जा सकते हैं और एक बार अनुचित रास्ते पर जाने
के बाद फिर से सही मार्ग पर आने में उन्हें कई कठिनाइयाँ का सामना करना
पड़ता है। माता-पिता और शिक्षकों को यह सुनिष्चित करना चाहिए कि
विद्यार्थी अनुशासित जीवन व्यतीत करें। यदि विद्यार्थी अनुशासित जीवन
करने में कष्ट अनुभव करते हैं तो इसका कारण जानना और उसे दूर करना बहुत
मेहत्वपूर्ण हो जता है क्योंकि विद्यार्थी जीवन ही मनुष्य के आगे के अगे
के जीवन की जड़ है, जिसमें अनुशासन रूपी पानी देकर हुमें एक आदर्श मानव को
तैयार करना है। जब तक छात्र कुछ सीख रहें हैं तब तक उन्हें सिखने का पूरा
अवसर प्रदान करना चाहिए। वीद्यर्थी जीवन बहुत जल्दी बीत जाता है जिसके
साथ छात्रों के सिखने की क्षमता क्षीण हो जती है। इसलिए केहते हैं की
विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का अधिक महत्व होता है।
- मुदित अग्रवाल